सुरेश
व्यास-
भारत
में बने सुपरसोनिक लड़ाकू
विमान तेजस ने शनिवार को इतिहास
रच डाला। दुनिया की सबसे ताकतवर
अमरीकी वायुसेना के मुखिया
जनरल डेविड गोल्डफिन ने तेजस
उड़ाया तो वे इसके तेज में
डूबते-उतरते
नजर आए। गोल्डफिन ने जोधपुर
एयरबेस से तेजस उड़ाया।
वे
पाकिस्तान की सीमा तक जाकर
वापस लौटे। करीब पौन घंटे की
ये उड़ान वायुसेना में मिग
विमानों की जगह लेने जा रहे
तेजस के इतिहास में एक स्वर्णिम
अध्याय के रूप में जुड़ गई।
चकित
रह गए गोल्डफिन
सुबह
की गुलाबी ठंड...धरती
पर सीधी किरणें फेंककर सूर्यनगरी
के नाम को सार्थकता प्रदान
करते सूर्यदेव के साथ रिश्तों
की गर्मजोशी। ये नजारा था
पाकिस्तान को कई बार नाकों
चने चबवा चुके पश्चिमी सरहद
के शक्तिशाली जोधपुर एयर बेस
का।
दुनिया की ताकतवर वायुसेनाओं
में शुमार अमरीकी वायुसेना
के मुखिया गोल्डफिन ने फ्लाइट
गियर पहनकर जोधपुर एयर बेस
से स्वदेश निर्मित लड़ाकू
विमान तेजस में उड़ान भरी तो
इस लड़ाकू विमान की खूबियां
देखकर चकित रह गए।
गोपनीय
रहा कार्यक्रमभारत
यात्रा पर आए गोल्डफिन
वायुसेनाध्यक्ष एयर चीफ मार्शल
बीएस धनोआ के साथ बातचीत में
वे तेजस से इतना प्रभावित हुए
कि उड़ान भरने का कार्यक्रम
बन गया। वे अचानक शुक्रवार
की रात जोधपुर पहुंचे,
लेकिन
उनकी यह यात्रा उड़ान तक गोपनीय
ही बनी रही।
मिरेकल
मशीनअमरीका
के खाड़ी युद्ध से लेकर
अफगानिस्तान तक एयर ऑपरेशंस
का नेतृत्व करने वाले गोल्डफिन
की यह उड़ान तेजस के लिए काफी
अहम साबित हुई।
4200
घंटे
तक लड़ाकू विमान उड़ाने का
अनुभव रखने वाले गोल्डफिन
तेजस की खूबियों से बेहद
प्रभावित नजर आए। उन्होंने
जब इसे मिरेकल मशीन...वैरी
स्मूद कहा तो तेजस स्क्वाड्रन
के वायुयोद्धाओं के सीने गर्व
से फूल गए।
प्रोजेक्ट
को मिली परवाजपिछले
साल ही भारतीय वायुसेना में
शामिल हुए तेजस की स्क्वाड्रन
अभी शैशवकाल में है,
लेकिन
पिछले दिसम्बर में वायुसेना
को 83
तेजस
विमान खरीदने की मंजूरी मिलने
के बाद तीन दशक पुराने प्रोजेक्ट
तेजस को परवाज मिली है।
अब जब
अमरीकी वायुसेना प्रमुख ने
इसकी खासियतों का अनुभव किया
है अब तक गुमनामी में खोये रहे
तेजस को नई बुलंदियां मिलने
का रास्ता भी खुल गया है।
हर
किसी ने की तारीफभारतीय
वायुसेना भले ही इस मैक इन
इंडिया फाइटर जेट से दूरी
बनाती रही हो,
लेकिन
जिसने भी तेजस को उड़ाया,
वो
इसकी तारीफ किए बिना नहीं रह
सका। पिछले साल नवम्बर में
सिंगापुर के रक्षा मंत्री ने
भी कलाइकुंडा एयरबेस से तेजस
की उड़ान के बाद इसे सर्वश्रेष्ठ
बताया था। रक्षा विशेषज्ञों
का कहना है कि अमरीकी वायुसेना
प्रमुख की तारीफ तेजस को नई
बुलंदियां देगी।
गोपनीय रहा कार्यक्रमभारत यात्रा पर आए गोल्डफिन वायुसेनाध्यक्ष एयर चीफ मार्शल बीएस धनोआ के साथ बातचीत में वे तेजस से इतना प्रभावित हुए कि उड़ान भरने का कार्यक्रम बन गया। वे अचानक शुक्रवार की रात जोधपुर पहुंचे, लेकिन उनकी यह यात्रा उड़ान तक गोपनीय ही बनी रही।
मिरेकल मशीनअमरीका के खाड़ी युद्ध से लेकर अफगानिस्तान तक एयर ऑपरेशंस का नेतृत्व करने वाले गोल्डफिन की यह उड़ान तेजस के लिए काफी अहम साबित हुई।
प्रोजेक्ट को मिली परवाजपिछले साल ही भारतीय वायुसेना में शामिल हुए तेजस की स्क्वाड्रन अभी शैशवकाल में है, लेकिन पिछले दिसम्बर में वायुसेना को 83 तेजस विमान खरीदने की मंजूरी मिलने के बाद तीन दशक पुराने प्रोजेक्ट तेजस को परवाज मिली है।