Friday, December 22, 2017

अब सेनाध्यक्ष भी बोलने लगे कूटनीति की भाषा!


-सुरेश व्यास
जयपुर। भारतीय थलसेना के मुखिया जनरल बिपिन रावत ने पाकिस्तानी सेनाध्यक्ष के पाकिस्तान संसद में दिए गए बयान का करारा जवाब दिया है। उन्होंने शुक्रवार को बाड़मेर-जैसलमेर से सटी भारत-पाकिस्तान सीमा के निकट मीडिया से बातचीत में कहा कि शांति तो सभी चाहते हैं, लेकिन आतंकवाद को समर्थन बंद किए बिना कोई कैसे शांति वार्ता की कल्पना कर सकता है।

कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार पाकिस्तानी थल सेनाध्यक्ष जनरल कमर जावेद बाजवा ने पाकिस्तानी सिनेट में सरकार को भारत के साथ शांति वार्ता करने की सलाह देते हुए कहा है कि पाकिस्तानी सेना इस मामले में सरकार को पूरा समर्थन देगी। इसी मुद्दे पर पश्चिम मोर्चे के दौरे पर आए भारतीय थलसेनाध्यक्ष जनरल रावत से पूछा गया तो उन्होंने बेबाकी के साथ जवाब दिया। उनका कहना था कि शांति हम भी चाहते हैं, लेकिन यह सभी देख रहे हैं कि पाकिस्तान कश्मीर में क्या कर रहा है। आतंक को समर्थन बंद किए बिना शांति कैसे सम्भव है।

हालांकि सेनाध्यक्ष इस तरह के राजनीतिक-कूटनीतिक जवाबों से कन्नी काटते हैं, लेकिन जनरल रावत ने एक बार फिर बेबाकी के साथ कूटनीतिक सवाल का जवाब देने में भी कोई हिचक नहीं दिखाई। उन्होंने एक दिन पहले भारतीय विदेश मंत्रालय के इस सम्बन्ध में आए जवाब का ही समर्थन किया है, लेकिन थलसेनाध्यक्ष की इस तरह की बेबाकी पहली बार नहीं है। पाकिस्तान में तो माना कि सरकार सेना के इशारे के बिना नहीं चल सकती और दुनिया जानती है कि चुनी हुई लोकतांत्रिक सरकार को भी पाकिस्तान में कैसे सेना का पिट्ठू बनकर काम करना पड़ता है, लेकिन भारत में सेनाध्यक्ष की ऐसे राजनीतिक मामलों में बेबाकी कम ही नजर आती है। आमतौर पर सेनाध्यक्ष यह कहते हुए बात टाल जाते हैं कि सेना अपना काम बखूबी कर रही है। वह किसी भी चुनौती का सामना करने में सक्षम है। शांति वार्ता का काम सरकार का है।


जनरल रावत ने न सिर्फ पाकिस्तानी सेनाध्यक्ष को करारा जवाब दिया, बल्कि बातचीत में यह भी साफ कह दिया कि सेना कश्मीर में आतंकियों के खिलाफ सख्ती को जारी रखेगी। उन्होंने कहा कि सेना ही नहीं कश्मीर घाटी में तैनात अर्द्धसैनिक बलों के जवान भी आपसी सामंजस्य के साथ आतंककारियों के खात्मे में जुटे हैं। यह काम लगातार जारी रहेगा। हालांकि उन्होंने कश्मीर में पत्थरबाजों के खिलाफ मुकदमे वापस लेने के सवाल का गोलमाल जवाब दिया।

राजस्थान से सटी भारत-पाकिस्तान के सामने बहावलपुर में चल रहे पाकिस्तान सेना के युद्धाभ्यास और बाड़मेर-जैसलमेर में भारतीय सेना के युद्धाभ्यास ‘हमेशा विजयी’ के बारे में पूछे जाने पर् उन्होंने कहा कि वे अपना काम कर रहे हैं और हम हमारा अभ्यास। सेना इस तरह का अभ्यास सर्दियों में करती रहती है। भारतीय सेना की दक्षिण कमान का यह द्विवार्षिक अभ्यास भारत की सामरिक रणनीति के लिए अहम है।

थलसेनाध्यक्ष ने कहा कि सेना के पास हथियारों की कोई कमी नहीं है। इन्सास के बाद सेना को हालांकि कोई नई असॉल्ट राइफल नहीं मिली है, लेकिन सरकार ने राइफल खरीद के लिए सेना को हरी झंडी दे रखी है। थल सेना ने अपना सहमति पत्र जारी कर दिया है और राइफल्स का परीक्षण किया जा रहा है। जो राइफल सेना के अनुरूप होगी, उसकी खरीद की जाएगी।

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